आंशिक कालसर्प दोष: जाने लक्षण और दोष दूर करने के उपाय
आंशिक कालसर्प दोष पूजा एक विशेष प्रकार की पूजा है, जो उन लोगों के लिए की जाती है जिनकी कुंडली में आंशिक कालसर्प दोष पाया जाता है। यह पूजा राहु-केतु के दुष्प्रभावों को कम करने और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए की जाती है। आंशिक कालसर्प दोष पूजा एक सरल और प्रभावी उपाय है, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
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आंशिक कालसर्प दोष क्या है ?
आंशिक कालसर्प दोष एक विशेष ज्योतिषीय स्थिति है, जो तब बनती है जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में सभी ग्रह पूरी तरह से राहु और केतु के बीच न होकर आंशिक रूप से उनके प्रभाव क्षेत्र में होते हैं। यह दोष राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से जुड़ा हुआ है, जो व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता लाते हैं। आंशिक कालसर्प दोष का प्रभाव पूर्ण दोष जितना गंभीर नहीं होता, फिर भी इसका सही समय पर समाधान करना आवश्यक है।
आंशिक कालसर्प दोष के लक्षण
आंशिक कालसर्प दोष के प्रभाव पूर्ण कालसर्प दोष की तुलना में कम होते हैं, लेकिन यह व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके लक्षण जीवन में नकारात्मक रूप से दिखाई देते हैं, जो की निम्नलिखित है :-
- इस दोष के प्रभाव से आर्थिक समस्याएं और बार-बार धन हानि देखने को मिलती है।
- यह दोष करियर और शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न करता है, करियर में बार-बार असफलता देखने को मिलती है।
- पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में समस्याएं, परिवार में बार-बार झगड़े और कलह इत्यादि देखे जाते है।
- इस दोष का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुआ है।
- किसी भी काम में सफलता पाने के लिए अधिक प्रयास किया जाता है, फिर भी योजनाएं बनना बार-बार अधूरी रह जाती है।
- विवाह में विलंब या विवाह के बाद समस्याएं आना यह भी इस दोष का कारण हो सकती है।
- सामाजिक जीवन में असफलता और अपमान इत्यादि।
आंशिक कालसर्प दोष के उपाय
आंशिक कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न ज्योतिषीय और धार्मिक उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को शांत करते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। इस दोष को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते है :-
- नियमित रूप से शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। रुद्राभिषेक करवाएं, जो शिवजी को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है।
- राहु और केतु ग्रहों के दोष को शांत करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें: राहु मंत्र:
“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।” केतु मंत्र:
“ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।” - नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा करें व काले तिल, दूध, और फूल अर्पित करें।
- आंशिक कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए 8 मुखी या 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का नियमित पाठ करें।
- कुंडली के अनुसार शुभ रत्न, जैसे गोमेद (राहु) या लहसुनिया (केतु) पहनें। योग्य ज्योतिषी की सलाह लेकर इसे धारण करें।
आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा
आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक ज्योतिषीय प्रक्रिया है, जो राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को शांत करने और व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। यह पूजा भगवान शिव, नाग देवता, और राहु-केतु को समर्पित है। आर्थिक, शारीरिक, मानसिक, और वैवाहिक समस्याओं को कम करने के लिए यह पूजा आवश्यक रूप से करवाना चाहिए।
इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में बाधाओं, स्वास्थ्य समस्याओं, और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस पूजा के माध्यम से सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह पूरी तरह से राहु और केतु के बीच नहीं होते, लेकिन कुछ ग्रह इनके प्रभाव में आते हैं, तो इसे आंशिक कालसर्प दोष कहा जाता है।
आंशिक कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें ?
- सबसे पहले पंडित मंगलेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
- पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
- अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
- पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
- पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।
पंडित मंगलेश शर्मा जी द्वारा आंशिक कालसर्प दोष हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले, और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें