अंगारक दोष पूजा उज्जैन

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अंगारक दोष पूजा क्या है?

अंगारक दोष, वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल का राहु अथवा केतु में से किसी के साथ स्थान अथवा दृष्टि से संबंध स्थापित हो जाए तो ऐसी कुंडली में अंगारक दोष का निर्माण हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है तथा इस योग के प्रभाव में आने वाले व्यक्तियों के अपने भाईयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ संबंध में खटास आ जाती हैं। इसलिए अंगारक योग को कुंडली मे बहुत घातक दोष भी माना जाता है।

अंगारक दोष निवारण पूजा

अंगारक दोष के प्रभाव कौन-कौन से है? ये व्यक्ति के जीवन को कैसे प्रभावित करते है?

अंगारक दोष जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक हिस्से पर निम्नलिखित रूप में दिखाई देता है:

  • पारिवारिक जीवन: इस दोष के कारण घर में विवाद और मतभेद बढ़ते हैं। परिवार वालों के साथ रिश्ते खराब होते है। 

  • करियर और व्यापार: अंगारक दोष के प्रभावी से व्यवसाय में बार-बार रुकावटें, नौकरी में असफलता और व्यापार में हानि होती है। 

  • स्वास्थ्य: शारीरिक समस्याएँ जैसे: मानसिक तनाव, नींद की कमी, दुर्घटनाएँ और रक्त संबंधी रोग आदि बने रहना। 

  • सामाजिक जीवन: रिश्तों में दूरी, समाज में प्रतिष्ठा में कमी।

अंगारक दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय कौन-कौन से है?

अगर आपकी कुंडली मे अंगारक दोष हो और आप उसे शांत करने के लिए कुछ उपाय करना चाहते है तो आपको निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए।

  • नियमित रूप से हनुमान चालीसा, बजरंग बाण पाठ, सुंदरकान्ड या हनुमानष्टक का पाठ करना चाहिए।
  • पूजा स्थल पर मंगल और राहू की विधि विधान से पूजा अर्चना कर करनी चाहिए। 
  • अंगारक दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए राहू और मंगल के मंत्रो का जाप करना चाहिए।
  • जरूरतमंदो को दान देना चाहिए। 
  • नहाने के पानी मे चन्दन या इत्र डालकर नहाना चाहिए।  

अंगारक दोष पूजा क्या है? इस पूजा का क्या महत्व है?

अंगारक दोष पूजा मंगल की उग्रता को साहस में और राहु के भ्रम को स्पष्टता में बदलने का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह पूजा भगवान महाकाल की कृपा और क्षिप्रा नदी की पवित्रता से संचालित होती है, जो इसे अन्य स्थानों से अलग बनाती है। यह पूजा न केवल मंगल और राहु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करती है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साहसिक यात्रा है, जो व्यक्ति को साहस, संतुलन और सकारात्मकता की ओर ले जाती है।

अंगारक दोष जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं का कारण बन सकता है, लेकिन सही स्थान और सही विधि से की गई पूजा इन प्रभावों को कम कर सकती है।
उज्जैन में की गई अंगारक दोष पूजा से मंगल और राहु के दुष्प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में सुख, शांति और सफलता आती है। 

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा की विधि क्या है?

उज्जैन में पूजा विशेष वैदिक मंत्रों और हवन के साथ सम्पन्न की जाती है। इसके चरण इस प्रकार हैं:

1. संकल्प: पंडित जी कुंडली देखकर पूजा का संकल्प कराते हैं, जिसमें व्यक्ति का नाम, गोत्र और दोष का उल्लेख होता है।

2. मंगलनाथ मंदिर में विशेष पूजा: मंगल ग्रह के लिए अभिषेक, लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ और मसूर दाल का अर्पण आदि। 

3. राहु शांति अनुष्ठान: राहु के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। काले तिल, उड़द और नीले वस्त्र का दान किया जाता है।

4. हवन और पूर्णाहुति: नवग्रहों की शांति के लिए विशेष हवन- अनुष्ठान किया जाता है।

  • अंत में पूर्णाहुति के साथ व्यक्ति को आशीर्वाद और प्रसाद प्रदान किया जाता है।

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा मे कितना खर्च आता है?

अगर आप उज्जैन नगरी मे अंगारक दोष पूजा सम्पन्न कराना चाहते है तो इसमे आपका पूजा खर्च लगभग 2000 से 3500 रुपये तक आ सकता है जिसमे आपकी सम्पूर्ण सामग्री सहित पूजा सम्पन्न करायी जाएगी। पूजन की अधिक जानकारी हेतु आप पंडित जी से संपर्क कर सकते है। 

अंगारक दोष पूजा के फायदे कौन-कौन से है?

अंगारक दोष पूजा कराने के बाद आप जीवन मे निम्नलिखित लाभों को देख सकते हो :-

  • अंगारक दोष पूजा कराने से मांगलिक कार्य संपन्‍न होते हैं।
  • इस पूजा के प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं, वो पूरे हो जाते हैं।
  • शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
  • नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है। 

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अगर आप अंगारक दोष के निवारण के लिए पूजन कराना चाहते है तो आप ज्योतिषाचार्य मंगलेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी के पास वर्षभर अंगारक दोष पूजा के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी दोष से हो रही समस्याओ से परेशान है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।

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FAQS – अंगारक दोष पूजा उज्जैन

अंगारक दोष क्या है और यह कैसे बनता है?

जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह और राहु एक ही भाव में स्थित होते हैं, तो यह अशुभ योग अंगारक दोष कहलाता है। यह दोष मंगल की अग्नि ऊर्जा और राहु की छाया शक्ति के कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, विवाद और बाधाएँ पैदा करता है।

अंगारक दोष का पता जन्म कुंडली देखकर लगाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ सामान्य लक्षण हैं:- बार-बार क्रोध आना, रिश्तों में विवाद, बार-बार आर्थिक नुकसान, विवाह में अड़चनें, दुर्घटनाएँ या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ आदि। किसी अनुभवी पंडित से अपनी कुंडली दिखवाए और दोष के बारे में पता लगाएँ। 

उज्जैन को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ स्थित मंगलनाथ मंदिर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देते हैं। वैदिक परंपरा के अनुसार, यहाँ की गई पूजा के परिणाम अन्य स्थानों की तुलना में अधिक सकारात्मक होते हैं।

हाँ, कुछ अनुभवी पंडित ऑनलाइन संकल्प के माध्यम से भी पूजा करवाते हैं। लेकिन उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में प्रत्यक्ष पूजा करवाना सबसे प्रभावी माना जाता है।