Ark Kumbh Puja Ujjain
उज्जैन में अर्क और कुम्भ विवाह पूजा मंगल दोष को शांत करने और वैवाहिक सुख प्राप्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। महाकाल और मंगलनाथ की कृपा, क्षिप्रा नदी की पवित्रता, और वैदिक अनुष्ठान इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाते हैं। यदि आप मंगल दोष से प्रभावित हैं, तो ज्योतिषी से संपर्क करें, शुभ मुहूर्त चुनें, और उज्जैन की यात्रा शुरू करें
अर्क विवाह क्या है?
जब भी किसी दोष के चलते या फिर किसी अन्य परेशानी के चलते, किसी भी पुरुष का विवाह नहीं हो पा रहा हो या उसके विवाह मे विलम्ब हो रहा हो, या फिर अन्य किसी दोष को दूर करने के लिए सर्वप्रथम उस पुरुष का विवाह सूर्य पुत्री जिन्हे अर्क वृक्ष के रूप मे पूजा जाता है के साथ किया जाता है, ऐसा करने से उस पुरुष के विवाह मे बाधा बनकर आ रहे सभी प्रकार के दोष व परेशानियाँ दूर हो जाती है। किसी भी पुरुष के विवाह से पूर्व किए गए इस विवाह को अर्क विवाह पूजा के नाम से जाना जाता है।
अर्क विवाह के फायदे क्या है?
किसी भी पुरुष की कुंडली मे स्थित दोषो के कारण उसके विवाह मे जो परेशानियाँ और समस्याए आ रही होती है, अर्क विवाह के द्वारा उस पुरुष को समस्त प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। अर्क विवाह की मदद से कुंडली मे से मांगलिक दोष को भी दूर किया जाता है।
घट/कुम्भ विवाह क्या होता है?
जब भी किसी कन्या की कुंडली में ग्राहम के अनुसार विधवा योग होता है, तो उस कन्या की कुंडली मे से विधवा योग निवारण के लिए घाट/कुम्भ विवाह संस्कार किया जाता है। विधवा योग के चलते यदि कन्या कुम्भ राशि से विवाह किये बिना ही किसी पुरुष से विवाह कर लेती है तो, इस दोष के प्रभाव के कारण वह विधवा हो जाती है। इस अनुष्ठान में, पहले दुल्हन का विवाह मिट्टी के बर्तन में स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति के साथ किया जाता है।
यह शादी सामान्य तरीके से की जाती है। पूरे विवाह समारोह के बाद, विष्णु की मूर्ति को जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है। इस प्रकार कुंभ विवाह समारोह संपन्न होता है, इसके बाद संबंधित दुल्हन का विवाह इच्छुक दूल्हे के साथ किया जा सकता है। कन्या के विवाह से पूर्व किए गए विवाह को घट विवाह या कुम्भ विवाह पूजा के नाम से जाना जाता है।
कुम्भ विवाह के फायदे कौन-कौन से होते है?
जिस किसी भी कन्या या स्त्री की कुंडली मे विधवा दोष होता है, उन स्त्रियो और कन्याओ का कुम्भ विवाह करने से उनकी कुंडली मे से ये दोष समाप्त हो जाता है। कुम्भ विवाह पूजा करने से स्त्रियो की कुंडली मे से मांगलिक दोष दूर हो जाता है।
अर्क कुम्भ विवाह किन पुरुष और कन्या का होना चाहिए?
जब भी किसी पुरुष और कन्या की कुंडली मे प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव मे से किसी एक भाव मे मंगल स्थित हो, इस प्रकार के योग के बनने से विवाह मे देरी, विवाह के पश्चात कलह एवं वैवाहिक जीवन मे सुख मे कमी होती है। कन्या या पुरुष की कुंडली मे सप्तम या द्वादश भाव पाशविक गृह से पीड़ित हो या शुक्र, सूर्य, सप्तमेश और द्वादशेष शनि गृह से वशीभूत हो। इस प्रकार की कुंडली वाले पुरुष या कन्या को अपने विवाह से पूर्व अर्क/कुम्भ विवाह करना चाहिए।
अर्क कुम्भ विवाह क्यो आवश्यक है?
- पुरुष या कन्या की कुंडली मे से मंगल दोष को दूर करने के लिए।
- किसी भी कन्या की कुंडली मे तलाक या दो विवाह की समस्या हो तो उसे दूर करने के लिए अर्क कुम्भ विवाह आवश्यक है।
- कन्या या पुरुष की कुंडली मे से दोहरा मांगलिक दोष को दूर करने के लिए अर्क कुम्भ विवाह करना चाहिए।
- कन्या की कुंडली मे से विधवा दोष से मुक्ति पाने के लिए अर्क कुम्भ विवाह करना आवश्यक है।
- अगर किसी पुरुष की दो शादी हुई हो, और उसकी दोनों पत्नियाँ मर गई हो, तो उस पुरुष को दोबारा विवाह करने से पूर्व अर्क विवाह करना चाहिए।
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अर्क कुंभ पूजा – FAQs
अर्क कुंभ पूजा उज्जैन में विशेष क्यों है?
उज्जैन ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से सबसे शक्तिशाली स्थानों में से एक है। यहाँ भगवान महाकालेश्वर स्वयं काल और दोषों के नाशक माने जाते हैं। सिद्धवट क्षेत्र, रामघाट और महाकालेश्वर मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर की गई पूजा का प्रभाव कई गुना अधिक होता है।
ये पूजा किन लोगो को करवाना चाहिए?
जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, बार-बार विवाह में रुकावट या टूटन का सामना करने वाले लोग, जिनकी कुंडली में कुंभ विवाह योग है, विवाहोपरांत दाम्पत्य जीवन में अस्थिरता का डर रखने वाले लोग।
क्या अर्क कुंभ पूजा अनिवार्य है?
यदि कुंडली में मंगल दोष या कुंभ विवाह योग है, तो यह पूजा कराना अत्यंत आवश्यक है।
अर्क-कुम्भ विवाह की अवधि और लागत क्या कितनी है?
पूजा का समय: 2 से 3 घंटे
पूजा खर्च: लगभग ₹2,000 से ₹5,000 (पंडित और सामग्री के आधार पर)