गुरु चांडाल योग क्या है? जाने वैवाहिक जीवन पर इस दोष के प्रभाव
जन्मकुंडली में जब गुरु ग्रह (बृहस्पति) के साथ राहु या केतु का संयोजन होता है तो इसे गुरु चांडाल योग कहा जाता है। गुरु ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह और सामाजिक प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है। जब ये दोनों शक्तियाँ मिलती हैं, तो व्यक्ति के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। खासकर विवाह और दांपत्य जीवन में यह योग बहुत परेशानियों का कारण बनता है।
Contents
- 1 गुरु चांडाल योग क्या है? यह योग कुंडली में कैसे बनता है?
- 2 गुरु चांडाल योग के प्रभाव कौन-कौन से है?
- 3 विवाह पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव
- 4 गुरु चांडाल योग के उपाय और समाधान (Remedies and Solutions)
- 5 गुरु चांडाल योग निवारण पूजा क्या है कैसे करें ये पूजा?
- 6 उज्जैन में कैसे कराएं गुरु चांडाल योग पूजा बुकिंग?
गुरु चांडाल योग क्या है? यह योग कुंडली में कैसे बनता है?
वैदिक ज्योतिष में गुरु चांडाल योग (Guru Chandal Yoga) तब बनता है जब बृहस्पति (गुरु) ग्रह राहु या केतु के साथ एक ही राशि या भाव में युति करता है। गुरु को ज्ञान, धर्म, समृद्धि और नैतिकता का कारक माना जाता है, जबकि राहु छल, भ्रम और अस्थिरता का प्रतीक है। केतु के साथ भी यह योग समान प्रभाव दिखाता है। यह योग कुंडली के किसी भी भाव में हो सकता है।
यह योग पूर्व जन्म के कर्मों का फल माना जाता है, जहां व्यक्ति ने गुरु, ब्राह्मण या धार्मिक व्यक्तियों का अपमान किया हो। आधुनिक ज्योतिषी इसे ‘गुरु का अपमान’ के रूप में देखते हैं, जो जीवन को ‘चांडाल’ (अशुद्ध या अभिशप्त) बना देता है। इस दोष के प्रभाव से कई समस्याएँ होती है इसलिए इस दोष का निवारण आवश्यक है। आज ही उज्जैन में गुरु चांडाल योग शांति पूजा कराएं और इस दोष से छुटकारा पाएँ।
गुरु चांडाल योग के प्रभाव कौन-कौन से है?
गुरु चांडाल योग के प्रभाव बहुत ही गंभीर और नकारात्मक होते हैं, जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रभावित करते हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रभाव दिए गए हैं:
विवाह पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव
1. विवाह में विलंब: गुरु चांडाल योग से प्रभावित व्यक्ति का समय पर विवाह नहीं हो पाता। अच्छे रिश्ते आते हैं लेकिन किसी न किसी कारण से टूट जाते हैं और विवाह में ऐसे ही अडचने आती रहती है।
2. गलत जीवनसाथी का चयन: यह योग व्यक्ति की विवेक शक्ति को प्रभावित करता है। गलत निर्णय के कारण शादीशुदा जीवन में असंतोष या मतभेद हो सकते हैं। इस दोष के प्रभाव से लड़ाई-झगड़े और तनाव बना रहता है।
3. दांपत्य जीवन में कलह: शादी के बाद भी पति-पत्नी के बीच झगड़े, गलतफहमियाँ और दूरी बढ़ सकती है। कई बार यह स्थिति अलगाव तक पहुँचा देती है और बात तलाक तक पहुँच जाती है।
4. ससुराल पक्ष से तनाव: गुरु चांडाल योग के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में ससुराल पक्ष से तालमेल की समस्या आती है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
5. संतान सुख में बाधा: गुरु संतान के कारक ग्रह हैं। जब उन पर राहु या केतु का प्रभाव पड़ता है तो संतान सुख में विलंब या कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- करियर और शिक्षा: निर्णय लेने में भ्रम, नौकरी में अस्थिरता, प्रमोशन में देरी। व्यक्ति अक्सर गलत मार्ग चुन लेता है।
- स्वास्थ्य: इस दोष के प्रभाव से लीवर संबंधी विकार, मानसिक तनाव, डिप्रेशन या रहस्यमयी बीमारियां होती है। इसके कारण व्यक्ति को कई प्रकार के रोग हो सकते है।
- आर्थिक स्थिति: गुरु चांडाल दोष के नकारात्मक प्रभाव से धन संचय में बाधा, अप्रत्याशित हानि या कर्ज का बोझ आदि समस्याएँ देखने को मिलती है।
- आध्यात्मिक पक्ष: धर्म के प्रति भ्रम, गुरु या शिक्षक से विश्वासघात का डर। लेकिन सकारात्मक रूप से, यह योग व्यक्ति को गहन आध्यात्मिक खोज की ओर ले जा सकता है।
गुरु चांडाल योग के उपाय और समाधान (Remedies and Solutions)
1. ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedies)
- गुरु की शांति के लिए:
- बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र, हल्दी, चना दाल या गुड़ का दान करें।
- मंत्र जाप:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
का 19,000 बार जाप करें।
- राहु की शांति के लिए:
- शनिवार के दिन उड़द दाल, सरसों तेल या नीले रंग की वस्तुएँ दान करें।
- मंत्र जाप:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
का 18,000 बार जाप करें।
- गुरु चांडाल दोष पूजा – उज्जैन या त्र्यंबकेश्वर जैसे पवित्र स्थानों पर गुरु चांडाल दोष की विशेष पूजा कराएं ।
- गुरुवार व्रत – गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र धारण करना, पीली वस्तुओं का दान करना।
- गुरु मंत्र का जाप – “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का प्रतिदिन 108 बार जाप करे।
- गुरु से संबंधित दान – चने की दाल, हल्दी, पीले कपड़े और सोना दान करना।
- नवग्रह शांति हवन – राहु और केतु की शांति के लिए विशेष हवन और यज्ञ कराना।
2. धार्मिक उपाय (Religious Remedies)
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ और रुद्राभिषेक करवाएँ।
- कुम्भकोणम, उज्जैन या वाराणसी जैसे पवित्र स्थानों पर पूजा करवाएँ।
3. व्यवहारिक उपाय (Practical Solutions)
- विवाह से पहले कुंडली मिलान अवश्य कराएँ।
- वैवाहिक जीवन में समझदारी और धैर्य से काम लें।
- किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से सलाह लें।
गुरु चांडाल योग निवारण पूजा क्या है कैसे करें ये पूजा?
गुरु चांडाल दोष के दुष्प्रभावो को कम करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय दिये गए है जिन्हे अपनाकर आप इस दोष के प्रभाव को कम कर सकते है। किन्तु यह उपाय इस दोष का निवारण नहीं है इस दोष को शांत करने के लिए गुरु चांडाल दोष पूजा कराना ही सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। यह पूजा विशेष स्थानो पर अनुभवी पंडितो की देख-रेख में करायी जाती है।
उज्जैन में गुरु चांडाल दोष पूजा कराना इसलिए विशेष माना गया है क्योंकि यहाँ भगवान महाकाल, शिप्रा नदी, नवग्रहों और कालभैरव की ऊर्जा मिलकर पूजा को अत्यंत प्रभावी बना देती है। यही कारण है कि देश-विदेश से लोग उज्जैन आकर इस दोष का निवारण कराते हैं।
उज्जैन में कैसे कराएं गुरु चांडाल योग पूजा बुकिंग?
उज्जैन में गुरु चांडाल दोष पूजा की बुकिंग करने के लिय उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करे और अपनी समस्या के बारे में बताए पंडित जी कुंडली देखकर दोष की पुष्टि करेंगे और दोष निवारण पूजा सम्पन्न क्रएंगे।