मंगल दोष पूजा कहाँ होती है?

मंगल दोष पूजा कहां होती है? जाने प्रसिद्ध मंदिर और स्थान

मंगल दोष, एक ऐसा ग्रह दोष जो वैवाहिक जीवन को संकट में डाल देता है, लेकिन भारत के पवित्र तीर्थों में छिपी आध्यात्मिक ऊर्जा इसे शांत कर सकती है। मंगल दोष पूजा – यह न केवल एक अनुष्ठान है, बल्कि मंगल ग्रह की आक्रामकता को शांत करने का एक प्रभावी माध्यम है। यदि आप मंगल दोष पूजा कहां होती है? जानना चाहते है तो नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा की जानकारी प्राप्त करें।

मंगल दोष पूजा उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर, हरिद्वार और काशी जैसे तीर्थ स्थलों में होती है, जहां हर स्थान की अपनी अनोखी ऊर्जा दोष को शांत करती है। यहाँ पूजा कराने से दोष का प्रभाव शीघ्र ही कम हो जाता है क्योंकि यहाँ भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है जो दोष के निवारण में ओर भी अधिक फलदायी होती है।

मंगल दोष पूजा क्या है?

मंगल दोष, या मांगलिक दोष, वैदिक ज्योतिष में तब बनता है जब मंगल ग्रह कुंडली के लग्न, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में कलह, विवाह में देरी, या स्वास्थ्य समस्याएं लाता है। मंगल दोष पूजा इस दोष को शांत करने का शक्तिशाली उपाय है, जिसमें मंगल मंत्र जाप, हवन, और दान शामिल होते हैं।

मंगल दोष पूजा का प्रभाव स्थान पर निर्भर करता है – कुछ स्थानो की ऊर्जा मंगल की अग्नि को विशेष रूप से शीतल बनाती है।

उज्जैन: मंगलनाथ मंदिर – मंगल ग्रह का जन्मस्थान

उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित, मंगल दोष पूजा का सबसे प्रसिद्ध केंद्र है, क्योंकि यहां का मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। क्षिप्रा नदी के तट पर बसा यह मंदिर प्राचीन काल से मंगल शांति पूजा के लिए जाना जाता है, जहां हजारों भक्त हर साल दोष निवारण के लिए आते हैं और अपनी समस्याओं से छुटकारा पाते है।

उज्जैन में क्यों कराएं मंगल दोष निवारण पूजा

उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर इस पूजा का सबसे श्रेष्ठ स्थान माना गया है। यहाँ की गई पूजा जीवनभर मंगलदायक रहती है। इस मंदिर की पवित्रता और मंगलवार के विशेष अनुष्ठान दोष को 10 गुना प्रभावी रूप से कम करते हैं। उज्जैन में कई अनुभवी पंडित उपस्थित है जो की प्रतिदिन मंगल दोष और अन्य दोष निवारण पूजा सफलतापूर्वक सम्पन्न कराते है।

प्रक्रिया: स्नान के बाद मंगल मंत्र (“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”) का 11,000 बार जाप, हवन (108 आहुतियां), और दान। अवधि: 3-4 घंटे।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा में कितना खर्च आता है?

उज्जैन में मंगल दोष पूजा में लगने वाला खर्च पंडित,स्थान और पूजा के प्रकार पर निर्भर करता है। इसका अनुमानित खर्च 2500-7,500 रुपये (सामग्री और दक्षिणा सहित) हो सकता है। गंभीर दोष के लिए 7,500 रुपये से अधिक पूजा खर्च हो सकता है। पूजा खर्च के बारे में सटीक जानकारी के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित मंगलेश शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें।

लाभ: वैवाहिक कलह दूर, स्वास्थ्य सुधार, और आर्थिक स्थिरता।

त्र्यंबकेश्वर (नासिक): ज्योतिर्लिंग की भूमि जहां गोदावरी की धारा मंगल दोष को बहा ले जाती है

नासिक के निकट त्र्यंबकेश्वर मंदिर, एक ज्योतिर्लिंग स्थल, मंगल दोष पूजा का एक और प्रमुख केंद्र है। गोदावरी नदी के उद्गम पर स्थित यह मंदिर शिव की कृपा से मंगल की ऊर्जा को संतुलित करता है। यहां की पूजा पर्यावरण-अनुकूल तरीके से की जाती है, जहां नदी के जल से अभिषेक दोष को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करता है।

  • मंगल दोष पूजा यहां क्यों कराएँ?: त्र्यंबकेश्वर राहु-केतु और मंगल दोष निवारण का प्रसिद्ध स्थान है, जहां शिव की ऊर्जा मंगल की आग को शांत करती है। यह पूजा कुंभ मेले के दौरान विशेष प्रभावी मानी जाती है।
  • पूजा-विधि: कुंभ विवाह के साथ मंगल पूजा, मंत्र जाप (18,000 बार), और हवन किया जाता है अंत में आरती और प्रसाद वितरण किया जाता है। पूजा से पहले गोदावरी स्नान करना अनिवार्य माना जाता है। पूजा की अवधि: 3-4 घंटे होती है।
  • मंगल दोष पूजा-खर्च: मंगल दोष पूजा का खर्च कई बातो पर आधारित होता है- स्थान, दोष का प्रकार या जटिलता और पंडित जी की दक्षिणा। इस पूजा का खर्च लगभग ₹5,000-7,500 रुपये (पंडित दक्षिणा सहित) तक हो सकता है।
  • लाभ: संतान सुख, रिश्तों में मधुरता, और पूर्व जन्म के कर्मों से मुक्ति।

हरिद्वार: गंगा तट की शुद्धि जहां मंगल दोष पूजा शांति प्रदान करती है

उत्तराखंड का हरिद्वार, गंगा नदी के तट पर, मंगल दोष पूजा का एक शांतिपूर्ण स्थल है। यहां के मंगलनाथ मंदिर या गंगा घाट पर पूजा की जाती है, जहां गंगा का जल मंगल की अग्नि को बुझाता है। हरिद्वार में मंगल पूजा, आधुनिक जीवनशैली में तनाव से परेशान लोगों के लिए आदर्श हैं।

गंगा की पवित्रता और हर की पैड़ी की ऊर्जा दोष को शांत करने में मदद करती है। हरिद्वार में मंगल दोष पूजा कभी भी करवा सकते है, किन्तु कुंभ मेले की पूर्व तैयारी में इस पूजा का विशेष महत्व होता है। यहाँ की गई पूजा का फल बहुत जल्दी मिलता है।

  • प्रक्रिया: गंगा स्नान के बाद मंगल बीज मंत्र जाप, हवन (1,100 आहुतियां), और ब्राह्मण दान। इस पूजा की अवधि: 2-3 घंटे।
  • लाभ: मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, और वैवाहिक सुख में वृद्धि।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा कहाँ होती है? जाने प्रमुख मंदिर

मंगलनाथ मंदिर : उज्जैन का सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है, जो मंगल दोष निवारण पूजा का प्रमुख केंद्र है। मंगलनाथ मंदिर की पवित्रता और मंगलवार की पूजा दोष को 10 गुना प्रभावी रूप से कम करती है।

अंगारेश्वर मंदिर : उज्जैन में मंगल दोष पूजा का प्रभावी और महत्वपूर्ण पूजा केंद्र है, जो क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है।

काल भैरव मंदिर : उज्जैन में मंगल दोष पूजा का एक और महत्वपूर्ण केंद्र है, जो क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। काल भैरव की पूजा मंगल के साथ-साथ राहु-केतु दोष भी शांत करती है।

क्षिप्रा नदी घाट : विशेष रूप से राम घाट और सिद्धवट, मंगल दोष पूजा के लिए एक प्राकृतिक और शांत स्थल हैं।

उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा की बुकिंग कैसे कराएँ?

मंगल दोष पूजा न केवल वैवाहिक सुख प्रदान करती है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि, और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है। आज ही उज्जैन के योग्य पंडित मंगलेश शर्मा जी के पास अपनी पूजा की बुकिंग करे और पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करे, अभी कॉल करें।

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