श्रापित दोष के चमत्कारी और अद्भुत उपाय कौन-कौन से है?
श्रापित दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि और राहु का अशुभ संयोग होता है। इसे कई बार पितृ ऋण और पिछले जन्म के अधूरे कर्मों से भी जोड़ा जाता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में बार-बार रुकावटें, आर्थिक संकट, मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसके निवारण के लिए अनेक धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं।
श्रापित दोष व्यक्ति के जीवन में अनेक कठिनाइयाँ लाता है, लेकिन सही उपायों और पूजा-अनुष्ठानों के द्वारा इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। उज्जैन में श्रापित दोष पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है क्योंकि यहाँ भगवान महाकाल की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, नियमित मंत्र जाप, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करने से यह दोष धीरे-धीरे समाप्त होकर जीवन में सुख-शांति और सफलता लाता है।
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श्रापित दोष को दूर करने के चमत्कारी उपाय कौन-कौन से है?
श्रापित दोष निवारण पूजा उज्जैन में कराना सबसे प्रभावी उपाय है:-
उज्जैन भगवान महाकाल की नगरी है और यहाँ की गई पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़कर मिलता है। श्रापित दोष निवारण पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि यह एक साधना है जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और मानसिक शांति लाती है। इस पूजा से व्यक्ति पर से पितृ दोष का प्रभाव भी कम होता है और उसके जीवन में सफलता और उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं।
इस पूजा में नवग्रह शांति, राहु-शनि शांति, पितृ तर्पण, महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक किया जाता है। यह पूजा शनि और राहु दोनों के अशुभ प्रभाव को शांत कर जीवन में संतुलन और शांति लाती है।
यह पूजा विशेष रूप से उज्जैन में की जाती है क्योंकि यहाँ महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। मान्यता है कि भगवान महाकाल की नगरी में की गई पूजा का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है। उज्जैन में विद्वान और अनुभवी पंडितों द्वारा शास्त्रोक्त विधि से यह पूजा कराई जाती है, जिससे दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होकर व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, आर्थिक स्थिरता और पारिवारिक सामंजस्य बढ़ता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप
श्रापित दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी है।
- मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है।
शनि देव की उपासना और दान
शनि ग्रह श्रापित दोष का मुख्य कारण होते हैं, इसलिए उनकी विशेष पूजा और दान आवश्यक है।
- शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
- काले तिल, उड़द, लोहे की वस्तु और नीले वस्त्र का दान करें।
- शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
4. पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म
कभी-कभी श्रापित दोष का कारण पितरों की अप्रसन्नता भी होती है।
- अमावस्या या पितृपक्ष में पितृ तर्पण करें।
- श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन से पितृ तृप्त होते हैं और दोष का प्रभाव कम होता है।
5. रुद्राभिषेक और नवग्रह पूजन
भगवान शिव को श्रापित दोष निवारण का सर्वोत्तम देवता माना जाता है।
- शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र से रुद्राभिषेक करें।
- नवग्रह पूजन से सभी ग्रहों का संतुलन स्थापित होता है और राहु-शनि का प्रभाव शांत होता है।
श्रापित दोष के उपाय करने से क्या लाभ मिलते हैं?
- पितृ दोष और कर्म संबंधी बंधन से मुक्ति मिलती है।
- राहु और शनि के अशुभ प्रभाव शांत हो जाते हैं।
- पारिवारिक कलह समाप्त होकर रिश्तों में मधुरता आती है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और करियर में सफलता मिलती है।
- मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
- भगवान शिव और शनि देव की कृपा से जीवन में उन्नति और संतोष आता है।
उज्जैन में श्रापित दोष पूजा कैसे बुक करें?
यदि कुंडली में दोष गंभीर हो, तो उज्जैन के अनुभवी ज्योतिषी मंगलेश शर्मा जी से कुंडली परामर्श लें। नियमितता और विश्वास के साथ पंडित जी द्वारा बताए गए उपायों के पालन से आपका जीवन श्राप से मुक्त होकर आशीर्वादों से भर जाएगा। उज्जैन में श्रापित दोष पूजा बुकिंग के लिए आज ही नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें।