सूर्य ग्रहण दोष क्या है_

सूर्य ग्रहण दोष– जाने कारण, प्रभाव और निवारण पूजा उज्जैन में

सूर्य ग्रहण दोष, ज्योतिष शास्त्र में एक गंभीर और प्रभावशाली स्थिति है, जो सूर्य पर राहु या केतु के छाया प्रभाव से बनती है। सूर्य ग्रहण दोष व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास की कमी, स्वास्थ्य समस्याएँ, पिता संबंधी बाधाएँ, आर्थिक अस्थिरता और आध्यात्मिक भटकाव ला सकता है। सूर्य ग्रहण दोष सूर्य की चमक को दूषित करता है, लेकिन उज्जैन में पूजा इस दोष को शांत कर सकती है।

यह पूजा कहीं भी कराई जा सकती है, लेकिन उज्जैन में सूर्य ग्रहण दोष पूजा कराने का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। उज्जैन को शिवनगरी कहा जाता है। यहाँ भगवान महाकाल की विशेष कृपा रहती है। शास्त्रों के अनुसार उज्जैन में की गई हर पूजा का प्रभाव अधिक और फलदायी होता है।

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सूर्य ग्रहण दोष क्या है और ये दोष क्यों बनता है?

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा, पिता, अधिकार, और सम्मान का कारक माना गया है। जब जन्मकुंडली में सूर्य पर राहु या केतु का अशुभ प्रभाव पड़ता है तो इसे सूर्य ग्रहण दोष कहते हैं। यह दोष केवल ग्रहण के समय ही नहीं बनता बल्कि जन्मकुंडली में भी बन सकता है। इस दोष का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तित्व, पिता से संबंध, सरकारी कार्यों और समाज में प्रतिष्ठा पर पड़ता है।

सूर्य ग्रहण दोष के प्रमुख कारण

  • जन्मकुंडली में सूर्य और राहु का एक ही स्थान पर होना।
  • सूर्य और केतु का संयोग।
  • ग्रहण के समय जन्म होना।
  • पितृ कर्मों या अधूरे संस्कारों का प्रभाव।

सूर्य ग्रहण दोष के प्रकार और विशेषताएँ क्या है?

  • सूर्य-राहु युति: इस युति के कारण भ्रमपूर्ण निर्णय, आत्मविश्वास की कमी, आर्थिक हानि, और पिता से संबंधित विवाद की स्थिति बनती है।
  • सूर्य-केतु युति: ऐसी स्थ्ति में आध्यात्मिक भटकाव, स्वास्थ्य समस्याएँ (आँखें, हृदय रोग), और नेतृत्व क्षमता में कमी आदि देखने को मिलती है।
  • ग्रहण काल में जन्म: जीवन में बार-बार असफलता, मानसिक तनाव, और अप्रत्याशित बाधाएँ आती है।
  • प्रभावित क्षेत्र: सूर्य ग्रहण दोष के कारण आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, परिवार, और आध्यात्मिक विकास आदि क्षेत्र प्रभावित होते है।
  • पौराणिक संदर्भ: भगवान शिव और सूर्य की कृपा इस दोष को शांत करती है, जो उज्जैन में विशेष रूप से संभव है।

सूर्य ग्रहण दोष दूर करने के उपाय कौन-कौन से है?

सूर्य मंत्र जाप: सूर्य की शुभ ऊर्जा जगाने का सबसे सरल उपाय
  • मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः (108 बार, रविवार को, रुद्राक्ष की माला से)। इस मंत्र के जाप से आत्मविश्वास और स्वास्थ्य में सुधार होता है। सूर्योदय के समय जाप करें।
रत्न धारण: सूर्य की शक्ति को बढ़ाने वाला
  • ज्योतिषी की सलाह पर माणिक (रूबी) रत्न धारण करें इससे सूर्य दोष कम होता है।
दान और सेवा: सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए
  • रविवार को तांबा, गेहूँ, और लाल चंदन का दान करें इससे आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा।
जीवनशैली में बदलाव: सूर्य ऊर्जा को संतुलित करने के लिए
  • सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करें, सात्विक आहार और नियमित मंदिर दर्शन करे।

उज्जैन में सूर्य ग्रहण दोष पूजा कैसे की जाती है? जाने पूजा-विधि और खर्च

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रहण दोष पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है जो तब किया जाता है जब जन्मकुंडली में सूर्य पर राहु या केतु का अशुभ प्रभाव पड़ता है। यह दोष व्यक्ति के आत्मविश्वास, पिता से संबंध, करियर और मान-सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस पूजा के माध्यम से सूर्य देव की आराधना और राहु-केतु शांति की कामना की जाती है और हवन द्वारा इस दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जाता है। उज्जैन में की गई सूर्य ग्रहण दोष पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

सूर्य ग्रहण दोष का निवारण उज्जैन में पूजा, मंत्र जाप, रत्न धारण और दान से संभव है। यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो सूर्य की शुभ ऊर्जा को जगाती है और सूर्य के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करती है। आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित मंगलेश शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा की बुकिंग बिल्कुल मुफ्त में कराएं।

उज्जैन में सूर्य ग्रहण दोष पूजा की विधि क्या है?

उज्जैन में सूर्य दोष निवारण की विधि बहुत ही सरल और प्रभावशाली मानी जाती है इस पूजा में शामिल चरण निम्नलिखित है:

  1. पंडित जी द्वारा संकल्प और गणेश पूजन कराया जाता है।
  2. कलश स्थापना और विशेष मंत्रोच्चारण किया जाता है।
  3. सूर्य देव की आराधना और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
  4. राहु और केतु शांति हेतु विशेष मंत्र जाप कराया जाता है।
  5. हवन और आहुतियाँ दी जाती है।
  6. पूजा के अंत में प्रसाद और आशीर्वाद वितरण किया जाता है।

सूर्य ग्रहण दोष पूजा से मिलने वाले लाभ कौन-कौन से है?

  • इस पूजा से आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
  • दोष का निवारण कराने पर पितृ संबंधों में सुधार होता है।
  • सूर्य दोष पूजा के कारण सरकारी और करियर से जुड़े कार्य सफल होते हैं।
  • इस पूजा के लाभ से स्वास्थ्य समस्याएँ कम होती हैं।
  • ग्रहण दोष पूजा से परिवार और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।

उज्जैन में सूर्य ग्रहण दोष पूजा बुकिंग कैसे कराई जाती है?

यदि आप सूर्य ग्रहण दोष से प्रभावित हैं, तो उज्जैन के योग्य पंडित मंगलेश शर्मा जी से संपर्क करें, शुभ मुहूर्त चुनें, और उज्जैन पहुँच कर पूजा सफलतापूर्वक सम्पन्न कराएँ। यह पूजा न केवल दोष निवारण है, बल्कि आत्म-जागृति और जीवन में नई चमक का अवसर है।

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