उच्च मंगल दोष क्या है?

उच्च मंगल दोष क्या है? इसके कारण, लक्षण और उपाय क्या है?

वैदिक ज्योतिष में उच्च मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है जहां मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि (मकर) में स्थित होता है, मंगल ग्रह को ज्योतिष में ऊर्जा, साहस, पराक्रम और जीवनशक्ति का प्रतीक माना गया है। लेकिन जब यह ग्रह अत्यधिक बलवान या उच्च स्थिति में होकर भी अशुभ भावों में स्थित होता है, तो यह उच्च मंगल दोष कहलाता है।

उच्च मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बनते है इस समस्याओं के समाधान के लिए उज्जैन में मंगल दोष पूजा कराना सबसे शुभ मानी जाती है। उज्जैन में अनुभवी पंडित से यह पूजा कराना सबसे असरदार और प्रभावी उपाय है।

उच्च मंगल दोष क्या है?

वैदिक ज्योतिष में उच्च मंगल दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि मकर में स्थित होता है, लेकिन कुंडली के प्रथम (लग्न), चतुर्थ (घर भाव), सप्तम (विवाह भाव), अष्टम (आयु भाव), या द्वादश (व्यय भाव) में होता है। मंगल ग्रह उच्च स्थिति में अपनी शक्ति से दोगुना प्रभावी हो जाता है, जो व्यक्ति के जीवन को उथल-पुथल में डाल देता है।

सामान्य मंगल दोष से अलग, उच्च मंगल दोष मंगल की मजबूती से जुड़ा है, जो व्यक्ति को अत्यधिक आक्रामक, महत्वाकांक्षी लेकिन असंतुलित बनाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह दोष पूर्व जन्म के कर्मों का फल है, जैसे अत्यधिक क्रोध, हिंसा या नैतिक पतन आदि।

उच्च मंगल दोष के कारण क्या है?

उच्च मंगल दोष का मुख्य कारण मंगल ग्रह का अपनी उच्च राशि मकर में होना है, लेकिन साथ ही मालेफिक भावों (1, 4, 7, 8, 12) में स्थित होना, जो दोष को प्रबल बनाता है। यदि मंगल शत्रु ग्रहों (जैसे शनि या राहु) से दृष्टि प्राप्त कर रहा हो, तो दोष और तीव्र हो जाता है। पूर्व जन्म के कर्म, जैसे अत्यधिक महत्वाकांक्षा, क्रोधपूर्ण व्यवहार या रिश्तों में धोखा, इस दोष को वर्तमान जीवन में लाते हैं।

उच्च मंगल दोष के लक्षण कौन-कौन से है?

उच्च मंगल दोष के लक्षण व्यक्ति के जीवन में गंभीर और प्रभावी रूप से प्रकट होते हैं, जो सामान्य जीवन को कठिन बना देते हैं। सबसे प्रमुख लक्षण है वैवाहिक जीवन में तीव्र कलह – विवाह में देरी, सगाई टूटना, या शादी के बाद पति-पत्नी में लगातार झगड़े और तलाक की संभावना।

व्यक्ति का स्वभाव अत्यधिक गुस्से वाला, महत्वाकांक्षी लेकिन असंतुलित होता है, जिससे मानसिक तनाव, डिप्रेशन या क्रोध के दौरे बढ़ते हैं। शारीरिक लक्षणों में रक्त संबंधी विकार, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, या दुर्घटनाएँ शामिल है। करियर में उतार-चढ़ाव, जैसे प्रमोशन में बाधा या व्यापार में हानि, आम हैं।

परिवार में संपत्ति विवाद, संतान प्राप्ति में देरी या स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यदि दोष महिलाओं में हो, तो वे अत्यधिक स्वतंत्र लेकिन भावनात्मक रूप से असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि पुरुषों में अहंकार से रिश्ते प्रभावित होते हैं। आर्थिक रूप से, अप्रत्याशित खर्च और धन हानि बढ़ती है।

उच्च मंगल दोष से होने वाले नुकसान क्या है?

उच्च मंगल दोष सिर्फ मानसिक या स्वभाविक नहीं बल्कि जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है।

  1. विवाह में देरी: मंगल दोष विवाह योग को प्रभावित करता है।
  2. परिवार में असंतोष: घर के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ता है।
  3. धन हानि: जल्दबाजी या आवेग में आर्थिक नुकसान।
  4. कार्यस्थल पर संघर्ष: सहकर्मियों से टकराव और गुस्से के कारण अवसर छूट जाना।
  5. स्वास्थ्य संबंधी खतरे: चोट, दुर्घटना या सर्जरी की संभावना बने रहना।

उच्च मंगल दोष के उपाय कौन-कौन से है?

मंगल दोष निवारण पूजा: उज्जैन में कराएँ मंगल दोष निवारण

उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर या नासिक जैसे पवित्र स्थलों पर मंगल दोष निवारण पूजा करवाना सबसे असरदार उपाय है। विशेष रूप से मंगल दोष पूजा उज्जैन में सम्पन्न कराना सबसे प्रभावी और लाभकारी माना जाता है। इस पूजा में पंडित जी विधि-विधान से मंगल ग्रह की शांति हेतु मंत्रजाप, अभिषेक और हवन कराते हैं। उज्जैन में की गई मंगल दोष पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है क्योंकि यहाँ भगवान महाकाल और मंगल ग्रह की कृपा एक साथ प्राप्त होती है।

मुख्य मंत्र:

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”

यह मंत्र 7000 या 11000 बार जप करवाने से मंगल की अशुभता समाप्त होती है और जीवन में शांति आती है।

मंगल शांति हवन

इस हवन में लाल चंदन, मसूर दाल, गुड़, शहद, घी और गूलर की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। मंगल शांति हवन करने से व्यक्ति की क्रोध प्रवृत्ति शांत होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

मंगलवार के व्रत और दान

  • मंगलवार को उपवास रखें।
  • हनुमान जी और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • लाल वस्त्र, गुड़, तांबा और मसूर दाल का दान करें।

रत्न धारण

कुंडली देखकर योग्य पंडित की सलाह पर मूंगा (Red Coral) रत्न तांबे की अंगूठी में धारण किया जा सकता है।
इसे मंगलवार के दिन मंगल होरा में धारण करना चाहिए। रत्न धारण करने से पहले पंडित जी से परामर्श अवश्य ले।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा क्यो करायी जाती है?

  • उज्जैन, भगवान महाकाल की नगरी, मंगल दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ स्थान माना गया है।
  • यहाँ किए गए अभिषेक और हवन का फल अन्य स्थानों से कई गुना अधिक होता है।
  • अनुभवी पंडितों द्वारा कराए गए मंगल दोष निवारण पूजन से व्यक्ति के जीवन में शांति, विवाह में स्थिरता और मानसिक संतुलन लौट आता है।

उच्च मंगल दोष से मिलने वाले लाभ कौन-कौन से है?

  • विवाह में आने वाली सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं।
  • इस पूजा के प्रभाव से दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
  • व्यक्ति का आत्मसंयम और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • गुस्सा और तनाव कम होता है।
  • आर्थिक और पारिवारिक जीवन में संतुलन स्थापित होता है।

उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा का खर्च कितना है?

उज्जैन में यह पूजा सामान्यतः ₹2,100 से ₹5,100 तक कराई जा सकती है। यदि आप विशेष हवन, रुद्राभिषेक या नवग्रह शांति के साथ यह पूजा कराते हैं, तो खर्च इससे अधिक हो सकता है। पूजा का खर्च पंडित जी के अनुभव, मंत्रजाप की संख्या और विधि पर निर्भर करता है।

उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा की बुकिंग कैसे करें?

उज्जैन में की गई मंगल दोष पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है जो दोष निवारण में प्रभावी होती है। यदि आप भी उज्जैन में मंगल दोष पूजा कराना चाहते है तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित मंगलेश शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें।

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