घातक कालसर्प दोष: जाने असर और दोष निवारण के उपाय
भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष को अत्यंत घातक दोषों में से एक माना गया है। जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष का निर्माण होता है। कालसर्प दोष के 12 प्रकार होते हैं, और इनमें से कुछ प्रकार विशेष रूप से व्यक्ति के जीवन पर अत्यंत घातक प्रभाव डालते हैं। ऐसा ही एक प्रकार है घातक कालसर्प दोष।
घातक कालसर्प दोष न केवल व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता लाता है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, और मानसिक शांति को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार असफलताओं, अपमान, और शत्रुओं से कष्ट झेलना पड़ता है। आज इस लेख के
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घातक कालसर्प दोष क्या है ?
भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष के 12 प्रकारों को बताया गया है जिसमे सबसे अधिक अशुभ और खतरनाक माना जाने वाला दोष घातक कालसर्प दोष है। यह दोष तब बनता है, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु आठवें भाव में और केतु दूसरे भाव में स्थित होते हैं, और अन्य सभी ग्रह इन दोनों के बीच आते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में अचानक दुर्घटनाएं, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक अशांति लाता है। उचित पूजा और उपाय से इसका प्रभाव कम किया जा सकता है।
घातक कालसर्प दोष के प्रभाव
- अचानक घटनाएं :- जीवन में बार-बार अप्रत्याशित दुर्घटनाएं, आकस्मिक नुकसान और बड़े संकट उत्पन्न होते हैं, जो मानसिक तनाव बढ़ाते हैं।
- आर्थिक कठिनाई :- धन कमाने और उसे स्थिर बनाए रखने में निरंतर बाधाएं आती हैं, जिससे कर्ज और वित्तीय अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं :- गंभीर और दीर्घकालिक बीमारियां व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं, जिससे स्वास्थ संबन्धित समस्याएँ होती है।
- पारिवारिक विवाद :- परिवार के सदस्यों के बीच विवाद, मतभेद और रिश्तों में खटास उत्पन्न होती है, जिससे घर का माहौल अशांत हो जाता है।
- करियर में बाधा :- नौकरी और व्यवसाय में सफलता के रास्ते में रुकावटें आती हैं, जिससे प्रगति रुक जाती है और असफलता का सामना करना पड़ता है।
- मानसिक तनाव :- निरंतर चिंता, भय और आत्मविश्वास की कमी जीवन में निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर कर देती है।
- आध्यात्मिक संघर्ष :- धर्म और आध्यात्मिकता से दूरी बन जाती है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन की कमी महसूस होती है।
घातक कलसर्प दोष के उपाय
घातक कालसर्प दोष को दूर करने के लिए ज्योतिषीय उपाय और पूजा पद्धतियां अपनाई जाती हैं। यह उपाय व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होते हैं, जो की नीचे दिये गए है :-
- राहु-केतु के मंत्रों का जाप :- प्रतिदिन 108 बार ॐ रां राहवे नमः और ॐ कें केतवे नमः मंत्रों का जाप करने से राहु और केतु के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह उपाय मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं।
- नाग पूजा :- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन दूध, हल्दी, चावल, और फूल अर्पित करें और नाग देवता से दोष मुक्ति की प्रार्थना करें। यह उपाय घातक कालसर्प दोष को दूर करने और जीवन में शांति व समृद्धि लाने में सहायक है
- रुद्राभिषेक करें रुद्राभिषेक :- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाकर किया जाता है। इस पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। यह उपाय जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए अत्यधिक प्रभावी होता है।
- दान और सेवा :- शनिवार को राहु-केतु के दोष निवारण के लिए तेल, काले तिल, और उड़द का दान करें, साथ ही, गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें। यह उपाय राहु-केतु के दुष्प्रभाव को कम करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने में सहायक होता है।
- पीपल के वृक्ष की पूजा :- प्रत्येक शनिवार पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर सात परिक्रमा करें। यह उपाय राहु और केतु के दोष को शांत करता है और जीवन में शांति व सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होता है। नियमित रूप से इसे करने से समस्याओं में कमी आती है।
- राहु यंत्र या कालसर्प यंत्र :- इन यंत्रो को घर मे स्थापित करें और इसकी नियमित पूजा करें। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मकता लाता है और घातक कालसर्प दोष के दुषप्रभाव को कम करता है। यह जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
- शनि देव की पूजा :- शनिवार को शनि मंदिर जाएं और शनि देव को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें। शनि की कृपा से राहु और केतु के दोष का प्रभाव कम होता है।
घातक कालसर्प दोष निवारण पूजा
हिन्दू धर्म में घातक कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे कुंडली में घातक कालसर्प दोष के कारण उत्पन्न समस्याओं को शांत करने के लिए किया जाता है। यह पूजा शिवलिंग पर रुद्राभिषेक, राहु-केतु के विशेष मंत्र जाप और नाग देवता की पूजा के साथ संपन्न होती है। पंचमी, अमावस्या, या सोमवार को यह पूजा करना अत्यधिक प्रभावी माना जाता है, जिससे राहु-केतु के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को हटाना और सकारात्मकता को बढ़ावा देना है। यह पूजा जीवन में बार-बार आने वाली दुर्घटनाओं, आर्थिक समस्याओं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और मानसिक तनाव को कम करती है।
घातक काल सर्प दोष पूजा कैसे बुक करे ?
- सबसे पहले पंडित मंगलेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
- पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
- अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
- पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
- पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।
पंडित मंगलेश शर्मा जी द्वारा घातक कालसर्प दोष पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले, पंडित जी को 24 से अधिक वर्षो का अनुभव प्राप्त है और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे :-