मांगलिक दोष की काट के उपाय कौन-कौन से है

मांगलिक दोष की काट के उपाय: उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष को विवाह संबंधी सबसे महत्वपूर्ण दोषों में से एक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है तो यह विवाह में विलंब, दांपत्य जीवन में तनाव और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन मांगलिक दोष का निवारण असंभव नहीं है सही उपाय और विधि से इसकी तीव्रता कम की जा सकती है और जीवन में स्थिरता लाई जा सकती है।

मांगलिक दोष जीवन में परेशानियाँ लाता है लेकिन ऐसा नहीं है की इसे समाप्त नही किया जा सकता। सही समय पर पूजा, हवन, व्रत और अनुष्ठान से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा कराना शीघ्र फलदायी और प्रभावी उपाय माना जाता हैं।

मांगलिक दोष क्या होता है? यह दोष कब और कैसे बनता है?

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष जीवन में कई समस्याओ का कारण बन सकता है। इसके निम्नलिखित प्रभाव जीवन में देखे जा सकते है :

  • प्रथम भाव में मंगल – स्वभाव में क्रोध और अस्थिरता आती है।
  • सप्तम भाव में मंगल – वैवाहिक जीवन में मतभेद और विवाद होता है।
  • अष्टम भाव में मंगल – जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।
  • द्वादश भाव में मंगल – मानसिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है।

मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव क्या है?

  • विवाह में देरी और बार-बार रिश्ते टूटना तथा वैवाहिक जीवन में खटास आदि प्रभाव देखने को मिलते है।
  • इस दोष के कारण पति-पत्नी के बीच झगड़े और असंतोष बना रहता है।
  • दोष के दुष्प्रभाव से आर्थिक समस्याएं और करियर में रुकावटें आती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती है।
  • व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में तनाव बना रहता है।

मांगलिक दोष की काट के उपाय कौन-कौन से है?

1. मंगल पूजा और मंगल शांति हवन

कुंडली में मंगल दोष शांति के लिए उज्जैन में मंगल ग्रह की विशेष पूजा और हवन कराना सबसे प्रभावी और रामबाण उपाय माना गया है। इसमें मंगल बीज मंत्र का जाप और आहुतियां दी जाती हैं। सबसे प्रमुख और शास्त्रीय उपाय है कुंभ विवाह या विष्णु विवाह, जो मांगलिक व्यक्ति के लिए एक प्रतीकात्मक विवाह है।

इस उपाय में मांगलिक लड़की या लड़के का पहले एक मिट्टी के घड़े (कुंभ), पीपल के पेड़ या भगवान विष्णु की मूर्ति से विवाह कराया जाता है, ताकि मंगल की नकारात्मक ऊर्जा उस प्रतीक पर हो जाए। मंगल पूजा और मंगल शांति हवन करने से मंगल ग्रह की नकारात्मक शक्ति शांत होती है और उसका शुभ प्रभाव जीवन में बढ़ने लगता है। उज्जैन के अनुभवी पंडित द्वारा ही इस पूजा को सम्पन्न कराएं।

मंत्र – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
कम से कम 11,000 जाप के बाद हवन और पूर्णाहुति की जाती है।

2. कुंभ विवाह और पीपल विवाह

जिन व्यक्तियों की कुंडली में गंभीर मांगलिक दोष होता है, उनके लिए विवाह से पहले प्रतीकात्मक विवाह अनुष्ठान किए जाते हैं। यह उपाय विशेष रूप से महिलाओं के लिए अधिक फलदायी माना जाता है, क्योंकि ज्योतिष के अनुसार मांगलिक लड़की का प्रभाव पति पर पड़ता है। कुंभ विवाह किसी पवित्र स्थान जैसे उज्जैन में करवाया जा सकता है, जहां अनुभवी पंडित वैदिक मंत्रों के साथ अनुष्ठान सम्पन्न कराते हैं।

इसकी लागत 5,000 से 7,500 रुपये तक या इससे अधिक हो सकती है, और इसे 28 वर्ष की आयु के बाद करना सर्वोत्तम माना जाता है, क्योंकि जब मंगल दोष स्वतः कमजोर हो जाता है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यह उपाय पूर्व जन्म के कर्म बंधनों को शांत करता है और वैवाहिक सुख सुनिश्चित करता है। यदि दोष गंभीर हो, तो इस उपाय के बाद हवन भी करवाएं, जो मंगल की अग्नि को शांत करता है।

  • कुंभ विवाह – मांगलिक व्यक्ति का पहले एक घड़े (कुंभ) से विवाह कराया जाता है।
  • पीपल विवाह – कभी-कभी पीपल के पेड़ से विवाह भी कराया जाता है। इससे वास्तविक विवाह पर मांगलिक दोष का असर कम हो जाता है।

3. महाकालेश्वर रुद्राभिषेक

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर विशेष रुद्राभिषेक और मंगल दोष निवारण पूजा कराने से भी दोष की शांति होती है। रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और अच्छा उपाय है और मंगल दोष के निवारण में भगवान शिव की मंगल देव के रूप में पूजा की जाती है। भगवान शिव प्रसन्न होकर आशीर्वाद और कृपा बनाए रखते है।

4. रत्न धारण

मांगलिक दोष की शांति के लिए योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य की सलाह से मूंगा (लाल प्रवाल) धारण किया जा सकता है। लेकिन यह उपाय बिना मार्गदर्शन के न करें, क्योंकि गलत रत्न विपरीत प्रभाव भी दे सकता है। उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करे और पूजा के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

5. व्रत और उपाय

  • मंगलवार के दिन व्रत करना।
  • मसूर की दाल, लाल कपड़े और गुड़ का दान करना।
  • हनुमान जी और भगवान कार्तिकेय की नियमित पूजा।
  • मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ।

6. यंत्र और अनुष्ठान

  • मंगल यंत्र की स्थापना कर नियमित पूजा।
  • नवरात्रि और चैत्र मास में नवग्रह शांति पूजा
  • मांगलिक व्यक्ति का विवाह मांगलिक साथी से करना सबसे सरल और स्थायी उपाय माना जाता है।

7. मंगलनाथ मंदिर उज्जैन दर्शन

उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर मंगल दोष निवारण के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ पर विशेष पूजा, मंगल जाप और हवन करने से दोष का प्रभाव काफी कम हो जाता है। यह मंगल देव का जन्मस्थान माना जाता है जो की मंगल गृह की शुभता और तीव्रता का प्रतीक है। यह मंदिर एकमात्र उज्जैन में स्थित है जो की मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रसिद्ध है।

यहाँ पूजा कराने से व्यक्ति की कुंडली से मंगल दोष के साथ-साथ सभी समस्याएँ और रोग भी दूर होते है। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में कई अनुभवी पंडित है जो की इस पूजा को पूरी विधि के साथ सम्पन्न कराते है। मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए आज ही उज्जैन के योग्य पंडित जी से मंगलनाथ मंदिर में पूजा कराएं।

विवाह में मांगलिक दोष की शांति क्यों जरूरी है?

यदि विवाह से पहले मांगलिक दोष की शांति नहीं की जाती तो दांपत्य जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए योग्य पंडित से पूजा और उपाय कराना जरूरी है। यह न केवल ग्रह दोष की तीव्रता कम करता है, बल्कि विवाह जीवन को स्थिर और सुखद बनाता है। तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित मंगलेश शर्मा जी से संपर्क करे और अपनी पूजा उज्जैन में बुक करें।

उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा की बुकिंग कैसे करें?

मंगल पूजा और मंगल शांति हवन मांगलिक दोष को शांत करने का सबसे प्रमाणिक और प्रभावी उपाय है। यदि यह पूजा योग्य पंडित द्वारा सही विधि से की जाए तो जीवन में विवाह, पारिवारिक और आर्थिक समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं। आज ही मांगलिक पूजा उज्जैन के अनुभवी पंडित जी के पास बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें।

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