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नमक चमक रुद्राभिषेक क्या होता है? इसमे कितना खर्चा आता है

भगवान शिव को रूद्र के रूप में भी पहचान जाता है। रुद्र शब्द की महिमा का गुणगान हमे हमारे धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। यजुर्वेद में भी कई जगहो पर रुद्र शब्द का वर्णन किया गया है। यहा तक की रुद्राष्टाध्यायी को तो यजुर्वेद का अंग ही माना जाता है। रुद्र की उत्पत्ति रुत् शब्द से हुई है, और रुत् का अर्थ होता है दुखों को दूर करने वाला यानि जो दुखों को नष्ट करे वही रुद्र है। और भगवान शिव उनके भक्तों पर आए सभी दुखो को नष्ट कर देते है, इसी लिए उन्हे रुद्र कहा गया है। रुद्राभिषेक कई तरह से किया जाता है, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएँगे की नमक चमक रुद्राभिषेक क्या होता है। यह कैसे किया जाता है और इस पूजा के करने से क्या लाभ मिलता है। सबसे पहले हम यह जान लेते है की रुद्राभिषेक क्यो किया जाता है।

रुद्राभिषेक क्यो किया जाता है?

रुद्राभिषेक एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो शक्तिशाली मंत्रो के उच्चारण द्वारा किया जाता है। और रुद्राभिषेक पूर्ण रुप से भगवान शिव को समर्पित है, क्योंकि सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता भगवान शिव है। रुद्राभिषेक भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ही किया जाता है। और रुद्राभिषेक मे भागवन शिव के रुद्र अवतार की पूजा और अभिषेक किया जाता है।

रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: अर्थात रुद्र रूप मे विराजमान भगवान शिव हमारे समस्त प्रकार के दु;खो को शीघ्र ही समाप्त कर देते है। रुद्राभिषेक करने से समस्त प्रकार के कष्टो से मुक्ति मिल जाती है।

नमक चमक रुद्राभिषेक क्या होता है?

नमक चमक रुद्राभिषेक क्या होता है?

रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ अध्याय तक ही मुख्य माना जाता है, क्यूंकी सिर्फ इन आठ अध्यायों मे भगवान शिव की महिमा और कृपा शक्ति का वर्णन किया गया है, इसलिए इसे रुद्राष्टाध्यायी कहा जाता है। इन आठों अध्यायों मे से पाँचवाँ अध्याय सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति के पास समय कम हो तो वह व्यक्ति सिर्फ पांचवे अध्याय का पाठ करके अच्छा फल प्राप्त कर सकता है। पूरा पाठ ना करके केवल पाँचवाँ अध्याय करने से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।

रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करते समय पाँचवा तथा आंठवे अध्याय को “नमक चमक पाठ” विधि कहा जाता है। नमक चमक पाठ के 11 आवर्तन पुरे होने पर इसे “एकादशिनि रुद्री” पाठ कहा जाता है तथा एकादशिनी रुद्री पाठ के 11 आवर्तन पूर्ण होने पर इसे “लघु रुद्री” पाठ कहा जाता है। नमक चमक रुद्राभिषेक को लघु रुद्राभिषेक के नाम से भी जाना जाता है।

वायुपुराण के अनुसार जो रुद्राष्टाध्यायी के नमक(पञ्चम अध्याय) और चमक(अष्टम अध्याय)तथा पुरुष सूक्त का प्रतिदिन तीन बार पाठ करता है वह ब्रह्म लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है( नमकं चमकं चैव पौरुषं सूक्तमेव च।नित्यं त्रयं प्रयुञ्जानो ब्रह्मलोके महीयते।।)।

नमक चमक रुद्राभिषेक के लाभ

नमक चमक रुद्राभिषेक लघु रुद्री का ही एक हिस्सा होता है, इसके लाभ निम्न है,

  • प्राचीन मान्यता के अनुसार लघुरूद्री या “लघुरूद्राभिषेक” कराने पर साधक को मोक्षप्राप्ति होती है।
  • धन, संपत्ति तथा ऐश्वर्या में वृद्धि होती है।
  • जातक को किसी भी प्रकार संकट से मुक्ती मिल जाती है।
  • इसका पाठ करने से अकाल मृत्यु भय का निवारण होता है।
  • आप सभी प्रकार के रोगो से मुक्त हो जाओगे।
  • नमक चमक रुद्राभिषेक के पाठ से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाएगा।

नमक चमक रुद्राभिषेक कैसे होता है

सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्याय का वाचन करते समय आठवाँ एवं पाँचवा अध्याय पुनरावृति में नहीं लिया जाता, जिसे नमक-चमक से अभिषेक करना कहा जाता है। रुद्राष्टाध्याय पाठ सम्पूर्ण होने पर शान्तिपाठ एवं स्वस्ति प्रार्थनाध्याय लिया जाता है, जिसके बाद पण्डितजी को दान-दक्षिणा देकर रुद्राभिषेक सम्पन्न होता है। नमक चमक रुद्राभिषेक की विधि के बारे मे और अच्छे से जानने के लिए पंडित जी से संपर्क करे।

नमक चमक रुद्राभिषेक मे कितना खर्चा आता है?

नमक चमक रुद्राभिषेक मे कितना खर्चा आता है?

नमक चमक रुद्राभिषेक जो लघु रुद्राभिषेक का ही एक हिस्सा होता है जो की 11 पंडितो द्वारा किया जाता है, नमक चमक रुद्राभिषेक मे मात्र 3 घंटो का समय लगता है, अगर आप भी नमक चमक रुद्राभिषेक पूजा करवाना चाहते है तो इसमे 11 पंडितो की दक्षिणा और पूजा मे लगने वाले सामान का खर्च मात्र ₹15000 आएगा। अगर आप नमक चमक रुद्राभिषेक मे होने वाले खर्चे के बारे मे और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप ज्योतिषाचार्य मंगलेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है।

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