शंखचूर्ण कालसर्प दोष

शंखचूर्ण कालसर्प दोष: जाने असर और दूर करने के उपाय

हिन्दू धर्म के अनुसार शंखचूर्ण कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का ज्योतिषीय दोष है, जो व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के कारण बनता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब राहु छठे भाव में और केतु बारहवें भाव में स्थित होता है, और अन्य सभी ग्रह इन दोनों ग्रहों के मध्य स्थित होते हैं। इसे “शंखचूर्ण” नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह दोष व्यक्ति के जीवन में शंख के समान गूंजने वाली समस्याओं को जन्म देता है।

यह दोष राहु और केतु के अशुभ प्रभाव के कारण होता है। जब कुंडली में यह दोष बनता है, तो व्यक्ति को अपने कार्यों में कड़ी मेहनत करने के बाद भी असफलताओं का सामना करना पड़ता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं ला सकता है।

शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव

शंखचूर्ण कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं और बाधाएं उत्पन्न करता है। यह दोष राहु और केतु की विशेष स्थिति के कारण बनता है, जो कुंडली में अन्य ग्रहों को प्रभावित करते हैं। इसका प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, और सामाजिक जीवन पर पड़ता है, इसके ओर भी प्रभाव निन्म्लिखित है :-

  • शंखचूर्ण कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति का स्वास्थ्य असंतुलन बना रहता है।
  • आर्थिक समस्याएं जैसे- व्यापार में नुकसान और निवेश में हानि, उधार लेने की आवश्यकता बढ़ सकती है।
  • वैवाहिक और पारिवारिक जीवन पर इसका प्रभाव संबंधों में तनाव और अस्थिरता पैदा करता है।
  • शिक्षा और करियर पर प्रभाव करियर में बाधाएं और प्रगति में रुकावट, नौकरी में अस्थिरता और प्रमोशन में देरी।
  • आध्यात्मिक और धार्मिक प्रभाव जैसे पूजा-पाठ में मन न लगना और नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होना।
  • शारीरिक कमजोरी और ऊर्जा की कमी आना।
  • इस दोषण के कारण जीवन में स्थायित्व और संतोष का अभाव बना रहता है।

शंखचूर्ण कालसर्प दोष के उपाय

शंखचूर्ण कालसर्प दोष का निवारण सही धार्मिक उपायों और पूजा विधियों के माध्यम से किया जा सकता है। यह दोष राहु और केतु के अशुभ प्रभाव के कारण उत्पन्न होता है, और इसके समाधान के लिए ज्योतिषीय उपाय, पूजा-पाठ, और दान का विशेष महत्व है जो की नीचे दिये गए है :-

  • भगवान शिव की आराधना करें, शिवलिंग पर प्रतिदिन जल और दूध अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें:
    “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।”
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें, नाग देवता की मूर्ति पर दूध, फूल, काले तिल चढ़ाएं और “ॐ नागेंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • राहु के लिए गोमेद रत्न और केतु के लिए लहसुनिया धारण करें।
  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में लाल सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
  • शनिवार को सरसों का तेल और उड़द दाल का दान करें।

यह सभी उपाय व्यक्ति की आस्था और समर्पण पर निर्भर करते हैं। यदि सही तरीके से इनका पालन किया जाए, तो शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण पूजा

शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण पूजा विशेष रूप से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए की जाती है। यह पूजा व्यक्ति की कुंडली में शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभावों को दूर करने में मदद करती है। इस पूजा में विशेष मंत्रों, हवन, और पूजा विधियों का पालन किया जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं। शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण पूजा से व्यक्ति के जीवन मे कई फायदे देखे गए है जो की निम्नलिखित है :-

  • आध्यात्मिक शांति :- इस पूजा से मानसिक शांति प्राप्त होती है और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
  • स्वास्थ्य में सुधार :- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, और व्यक्ति को बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
  • आर्थिक समृद्धि :- इस पूजा के माध्यम से आर्थिक परेशानियों का समाधान होता है और व्यक्ति को धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • पारिवारिक सुख :- इस पूजा के द्वारा घर में शांति बनी रहती है, और परिवार के सभी सदस्यों में आपसी तालमेल बना रहता हैं।
  • शत्रु नाश :- शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करे :-

  • सबसे पहले पंडित मंगलेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
  • पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
  • अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
  • पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
  • पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।

पंडित मंगलेश शर्मा जी द्वारा शंखचूर्ण कालसर्प दोष हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले, और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे

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