कालसर्प दोष पूजा कब करनी चाहिए?

कालसर्प दोष पूजा कब होती है? जाने सही समय और तिथि

कालसर्प दोष पूजा भगवान शिव की आराधना का एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय माना गया है। जो व्यक्ति के जीवन में बार-बार रुकावटें, आर्थिक हानि, वैवाहिक अस्थिरता, या मानसिक तनाव जैसी समस्याओं के समाधान के लिए की जाती है। कालसर्प दोष पूजा नाग पंचमी, मास शिवरात्रि, और अमावस्या जैसे शुभ समय पर करनी चाहिए।

कालसर्प दोष पूजा का सही समय व्यक्ति की कुंडली, ग्रह स्थिति और शुभ तिथि पर निर्भर करता है। लेकिन सावन माह, नाग पंचमी, या अमावस्या के दिन उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की जाए तो इसका परिणाम कई गुना बढ़ जाता है। भगवान शिव की कृपा और नाग देवता की शांति से व्यक्ति के जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि पुनः स्थापित होती है।

जाने कालसर्प दोष पूजा का सही समय और तिथि क्या है?

कालसर्प दोष पूजा का समय और तिथि वैदिक पंचांग, ग्रह गोचर, और कुंडली के आधार पर निर्धारित होती है। यहाँ शुभ दिन, तिथियां, और मुहूर्त की पूरी जानकारी दी गई है:

1. शुभ दिन: कालसर्प दोष पूजा के लिए आदर्श दिन

  • नाग पंचमी: यह कालसर्प दोष पूजा का सबसे शुभ दिन है, क्योंकि यह नागों (राहु-केतु का प्रतीक) की पूजा से जुड़ा है। इस दिन पूजा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव शांत हो जाता है और सभी समस्याओ का समाधान हो जाता है।
  • मास शिवरात्रि: प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि शिव की कृपा के लिए शुभ है।
  • महाशिवरात्रि: शिव की विशेष कृपा के लिए। इस दिन पूजा करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। दोष निवारण में मदद मिलती और साथ ही साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।
  • अमावस्या: राहु-केतु की शांति के लिए उपयुक्त। अमावस्या के दिन की गई विशेष पूजा से दोष निवारण में लाभकारी प्रभाव देखे जाते है।
  • शनिवार और रविवार: राहु-केतु की ऊर्जा को शांत करने के लिए शनिवार और रविवार भी उपयुक्त हैं। इसके अलावा पंडित जी को अपनी जन्म कुंडली दिखाये और दोष निवारण के लिए उपयुक्त मुहूर्त का चयन करें।

2. शुभ मुहूर्त: दिन के समय जो पूजा को प्रभावी बनाते हैं

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूजा के लिए सही मुहूर्त महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित समय सर्वश्रेष्ठ हैं:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:30 AM से 6:00 AM – शुद्ध और शक्तिशाली ऊर्जा।
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:30 AM से 12:30 PM – मध्य प्रदेश जैसे क्षेत्रों में लोकप्रिय।
  • संध्या समय: शाम 6:00 PM से 7:30 PM – विशेष रूप से शनिवार को।
  • 2025 विशेष मुहूर्त:
    • नाग पंचमी (29 जुलाई 2025): सुबह 5:30 AM से 7:00 AM या शाम 6:00 PM से 8:00 PM।
    • महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): सुबह 6:00 AM से 8:00 AM।
    • मास शिवरात्रि (25 जुलाई 2025): सुबह 7:00 AM से 9:00 AM।

पूजा का समय कुंडली और दोष के प्रकार (जैसे अनंत, कुलिक) पर निर्भर करता है। ज्योतिषी से सलाह लें पूजा कराएं।

3. गोचर प्रभाव: 2025 में राहु-केतु गोचर के दौरान पूजा

2025 में राहु का मीन गोचर (मार्च 2025 से) और केतु का कन्या गोचर कालसर्प दोष को सक्रिय करेगा। इस दौरान पूजा करना विशेष फलदायी होगा। उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से कुंडली की जांच कराएं और दोष की पुष्टि होने पर पंडीत जी द्वारा बताए मुहूर्त में पूजा सम्पन्न कराएं। पंडित जी से पूजा संबन्धित जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की प्रक्रिया: शास्त्रीय विधि जो दोष को शांत करती है

कालसर्प दोष पूजा 3-4 घंटे में पूरी होती है और अनुभवी पंडितों द्वारा की जाती है। प्रक्रिया:

  1. स्नान और शुद्धि: पवित्र नदी (गोदावरी, क्षिप्रा, गंगा) में स्नान।
  2. संकल्प: दोष निवारण के लिए संकल्प।
  3. राहु-केतु मंत्र जाप: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” और “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः” – 18,000 बार।
  4. हवन और तर्पण: 108-1,100 आहुतियां और पितृ तर्पण।
  5. दान: काले तिल, कंबल, तेल, और नारियल दान।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की लागत कितनी है?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की लागत स्थान, पंडित की विधि और व्यक्ति की कुंडली के अनुसार बदलती है। आम तौर पर उज्जैन में यह पूजा ₹2,100 से ₹5,000 तक, में कराई जाती है, जबकि विशेष विधान या विस्तृत पूजा के लिए ₹5,000 से अधिक पूजा खर्च हो सकता है। यह एक अनुमानित खर्च है पूजा का सटीक खर्च जानने के लिए आज ही पंडित जी से संपर्क करें।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें?

आप कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से परेशान है तो आज ही उज्जैन में कालसर्प पूजा कराएं और अपने जीवन में शांति लाएँ। आप उज्जैन के अनुभवी पंडितों से संपर्क कर सकते हैं जो शास्त्रीय विधि से पूजा करवाते हैं। यह पूजा आपके जीवन से राहु-केतु के दुष्प्रभावों को समाप्त कर सकारात्मकता लाती है, अभी कॉल करें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *