रुद्राभिषेक कितने प्रकार के होते हैं

रुद्राभिषेक कितने प्रकार के होते हैं- और जानिए रुद्राभिषेक के चमत्कारी लाभ

रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, और रुद्राभिषेक करने के बहुत से प्रकार होते है और इन अलग अलग प्रकारो के फायदे भी अलग अलग ही होते है। आज इस लेख के मध्याम से हम आपको ये बताएँगे की रुद्राभिषेक कितने प्रकार के होते हैं और इनसे होने वाले विभिन्न लाभ क्या-क्या है। इनसे पहले हम यह जान लेते है की रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है

रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है

हिन्दू धर्म मे अभिषेक एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, अभिषेक के द्वारा किसी भी देवी देवता को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, और रुद्राभिषेक मे भागवन शिव के रुद्र अवतार की पूजा और अभिषेक किया जाता है। भगवान शिव को रुद्राभिषेक की मदद से जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है।

रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: अर्थात रुद्र रूप मे विराजमान भगवान शिव हमारे समस्त प्रकार के दु;खो को शीघ्र ही समाप्त कर देते है। रुद्राभिषेक करने से समस्त प्रकार के कष्टो से मुक्ति मिल जाती है।

रुद्राभिषेक कितनी तरह के होते है

रुद्राभिषेक मुख्यतः तीन तरह के होते है,

  1. लघु रुद्राभिषेक जिसे नमक चमक रुद्राभिषेक के नाम से भी जाना जाता है।
  2. अति रुद्राभिषेक
  3. महा रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक करने के प्रकार

रुद्राभिषेक के प्रकार

शिव पुराण के अनुसार रुद्राभिषेक को कई प्रकार से किया जाता है, शिव पुराण मे यह भी बताया गया है की अलग अलग पदार्थो से रुद्राभिषेक करने से अलग अलग फल की प्राप्ति होती है, रुद्राभिषेक मुख्यतः 6 प्रकार से किया जाता है।

जल अभिषेक/जलाभिषेक– जल अभिषेक को जलाभिषेक के नाम से भी जाना जाता है, जल अभिषेक मे भगवान शिव का तांबे के बर्तन मे शुद्ध जल भरकर बर्तन पर कुमकुम से तिलक किया जाता है और उसके बाद ऊं इंद्राय नमः का जाप करते हुये बर्तन पर मौली बांध कर जलाभिषेक किया जाता है। हिन्दू लेखो के अनुसार शिव के रुद्र अवतार का जलाभिषेक करने से भगवान शिव लाभकारी वर्षा प्रदान करते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

शहद अभिषेक- शहद अभिषेक मे तांबे के बर्तन मे शहद मिला कर गंगा जल भरने के पश्चात बर्तन पर कुमकुम से तिलक किया जाता है और ऊं चंद्रमसे नमः का जाप करते हुये बर्तन पर मौली बांध कर शहद मिले हुए जल से शिव का अभिषेक किया जाता है। इस प्रकार से अभिषेक करने पर पारिवारिक जीवन मे सुख समृद्धि बनी रहती है।

घी अभिषेक- घी से अभिषेक करने के लिए साफ तांबे के बर्तन मे घी के साथ शहद भरकर बर्तन पर कुमकुम से तिलक करे और उसके बाद ऊं धन्वन्तरयै नमः का जाप करते हुये बर्तन पर मौली बांधे और फिर घी मिले शहद से शिव का अबिशेक कर दे। घी अभिषेक करने से किसी भी प्रकार के रोग तथा शारीरिक कठिनईयो से मुक्ति मिलती है।

दुग्धाभिषेकदुग्धाभिषेक को दूध अभिषेक के नाम से भी जाना जाता है इसमे तांबे के बर्तन मे दूध भरकर बर्तन पर कुमकुम से तिलक किया जाता है और उसके बाद ऊं श्री कामधेनवे नमः का जाप करते हुये बर्तन पर मौली बांध कर दूध से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। ऐसा भी माना जाता है की भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने से लंबी आयु का वरदान मिल जाता है।

दही अभिषेक- दही अभिषेक के लिए तांबे के साफ लोटे मे दही भर कर भगवान शिव का दहि से अभिषेक किया जाता है, ऐसा माना जाता है की दही से अभिषेक करने से संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है।

पंचामृत अभिषेक– दूध, दही, घी, शहद और मिश्री को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है, और इस पंचामृत को साफ तांबे के बर्तन मे भर कर उस पर कुमकुम से तिलक किया जाता है। और फिर पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। पंचामृत अभिषेक करने से समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

रुद्राभिषेक के लाभ

रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को समर्पित है और इसके बहुत से लाभ होते है जिनमे से कुछ निम्न है,

  • रुद्राभिषेक पूजा करने से कालसर्प दोष, व्यापार मे लगातार हानि, ग्रहक्लेश तथा शिक्षा मे रुकावट जैसी सभी समस्याओ से छुटकारा मिल जाता है।
  • रुद्राभिषेक अनुष्ठान आपको काम पर और आपके करियर में अच्छा प्रदर्शन करने में भी मदद कर सकता है।
  • रुद्राभिषेक पूजा से नौकरी और व्यवसाय मे सफलता मिलती है।
  • रुद्राभिषेक पूजा के द्वारा नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
  • जब अनुष्ठान के दौरान श्री रुद्रम का पाठ किया जाता है, तो इसमें उन 346 चीजों की सूची होती है जो लोग चाहते हैं। और आप उन्हें हर दिन शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए कर सकते हैं।
  • रुद्राभिषेक करके व्यक्ति निरोगी और स्वस्थ हो जाता है।
  • कई प्रकार के ग्रह दोषो से छुटकारा मिल जाता है।

उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा

उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा

आप चाहे तो रुद्राभिषेक पूजा किसी भी शिव मंदिर मे जाकर कर सकते है, लेकिन कुछ प्रसिद्ध मंदिरो मे पूजा करने का विशेष महत्व है जैसे  उज्जैन मे स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगगुजरात मे स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नासिक मे स्थित भीमाशंकर और त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, इंदौर के पास स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडू मे स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मे पूजा करने से फल की प्राप्ति जल्द से जल्द हो जाती है।

यदि आप उज्जैन मे स्थित शिव मंदिर मे ब्रांहणों के मार्गदर्शन मे विधि विधान से रुद्राभिषेक पूजा करवाना चाहते है तो आप उज्जैन मे प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मंगलेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है, मंगलेश शर्मा जी को हर प्रकार की पूजा का 15 वर्षो का अनुभव है,और जिन भी जातको ने मगलेश शर्मा जी के साथ पूजा सम्पूर्ण की है उन्हे शीघ्र ही अच्छे परिणाम मिले है।

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रुद्राभिषेक कितने प्रकार के होते हैं?

रुद्राभिषेक की पूजा मुख्यतः 6 प्रकार से की जाती है, और इन सभी प्रकारो के अलग अलग लाभ होते है।

रुद्राभिषेक के लाभ क्या क्या है?

रुद्राभिषेक पूजा करने से कालसर्प दोष, व्यापार मे लगातार हानि, ग्रहक्लेश तथा शिक्षा मे रुकावट जैसी सभी समस्याओ से छुटकारा मिल जाता है।

रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है?

रुद्राभिषेक की पूजा भगवान शिव को समर्पित होती है और रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

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