शंखपाल कालसर्प दोष : जाने इसके प्रभाव और निवारण के उपाय
वैदिक शास्त्रों के अनुसार शंखपाल कालसर्प दोष तब देखने को मिलता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली मे राहु चतुर्थ भाव में और केतु दशम भाव में स्थित होते हैं, और सभी ग्रह इन दोनों ग्रहों के बीच स्थित होते हैं। यह कालसर्प दोष का एक प्रकार है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और भौतिक जीवन पर नकारात्मक रूप से पड़ता है।
यह दोष शंखपाल नाग के नाम से प्रेरित है, जो हिंदू धर्म में नाग देवता के एक रूप पूजे जाते हैं। शंखपाल कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति को पारिवारिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
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शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभाव
शंखपाल कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन के कई महत्वपूर्ण हिस्सो को प्रभावित कर सकता है। इस दोष के कारण पारिवारिक जीवन, करियर, संपत्ति, और मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस दोष के नकारात्मक प्रभाव नीचे दिये गए है :-
- शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति के पारिवारिक जीवन मे कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण उसे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों से संबंध कमजोर हो सकते हैं।
- इस दोष के कारण पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है।
- इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को करियर और नौकरी से संबन्धित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नौकरी में अस्थिरता और तनाव तथा करियर में बार-बार बाधाएं और असफलता मिलती है।
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य मे कमजोरी और थकावट महसूस होना, मानसिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है।
- आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास, निर्णय लेने में असमर्थता, आत्मविश्वास में कमी आना।
- बार-बार सपने में सांप या नाग का दिखाई देना।
शंखपाल कालसर्प दोष के उपाय
हिन्दू धर्म में शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिष और धार्मिक उपायों का सहारा लिया जा सकता है। ये उपाय राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करने और जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करते हैं। नीचे शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभावों को कम करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं :-
- भगवान शिव की पूजा और आराधना इस दोष के प्रभाव को शांत करने का सबसे प्रभावी उपाय है, शिवलिंग पर प्रतिदिन जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, रुद्राभिषेक करवाने से दोष का प्रभाव कम होता है।
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें, नाग देवता को दूध, चावल, और फूल अर्पित करें।
- पूजा के दौरान राहु और केतु के मंत्रों का जाप करें:
- राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः केतु मंत्र: ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।
- इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए काले तिल, लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, और नारियल का दान करें।
- राहु-केतु की अशुभ दृष्टि को शांत करने के लिए नीलम रत्न या गोमेद पहनें।
शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे कुंडली में शंखपाल कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने और जीवन में शांति और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से राहु और केतु के दोषों को शांत करने और व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है।
शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा का महत्व
- राहु और केतु की शांति के लिए विशेष पूजा।
- पारिवारिक तनाव, आर्थिक समस्याओं, और करियर में बाधाओं का समाधान।
- घर और संपत्ति से जुड़ी समस्याओं का निवारण।
- मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति।
शंखपाल कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें ?
- सबसे पहले पंडित मंगलेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
- पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
- अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
- पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
- पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।
पंडित मंगलेश शर्मा जी द्वारा शंखपाल कालसर्प दोष पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले, पंडित जी को 24 से अधिक वर्षो का अनुभव प्राप्त है और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे :-